मंगलवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। नवरात्र के पहले दिन देवी मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रों में देशभर के मंदिर सजाए जाते हैं, जहां पूरे नौ दिन मां के सभी रूपों की पूजा की जाती है। काशी के अलइपुरा इलाके स्थित देवी शैलपुत्री मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ उमड़ रही है। दूर-दराज से श्रद्धालु देवी मां के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भक्त मां षैलपुरी से अपने परिवार की सुख-शांति की मन्नतें मांग रहे हैं। वहीं पुलिस प्रशासन द्वारा मंदिरों में सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं, ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी घटना न हो पाए।
बता दें कि, भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा गया। इनका वाहन वृषभ है। उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। इन्हे पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप ने ही शिव की कठोर तपस्या की थी। इनके दर्शन मात्र से सभी वैवाहिक कष्ट दूर हो जाते हैं।
बता दें कि, भगवती दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री का है। हिमालय के यहां जन्म लेने से उन्हें शैलपुत्री कहा गया। इनका वाहन वृषभ है। उनके दाएं हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल है। इन्हे पार्वती का स्वरूप भी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि देवी के इस रूप ने ही शिव की कठोर तपस्या की थी। इनके दर्शन मात्र से सभी वैवाहिक कष्ट दूर हो जाते हैं।
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