सर्किट हाउस स्थित सैयद मुख्तार लाट शाही बाबा का आस्ताना लोगों
की आस्था का केंद्र है। गाजीपुर से 1742 में बनारस आने वाला ये बाबा महाराजा चेतसिंह
की सेना में सिपहसालार थे। महाराज ने उन्हें शिवपुर रियासत का शहर काजी नियुक्त किया
था। उनका फैसला देशभर में मशहूर था। जब अंग्रेजी सेना से राजा चेतसिंह और उनके परिवार
घेरा था तो उन्होंने महाराजा बनारस के परिवार को अंग्रेजों के चंगुल से भी बचाया था
और इस दौरान वे शहीद भी हो गए। बाबा के आस्ताने से आज भी कोई खाली नहीं जाता।
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