Monday, January 19, 2015

मौनी अमावस्या

हिंदू पंचांग के एक वर्ष में 12 अमावस्या आती हैं जिनमें माघ मास में आनी वाली अमावस्या या मौनी अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। घर में सुख-शांति रखने के लिए मौनी अमावस्या को पितरों को आमंत्रित कर उन्हें भोग दिया जाता है।
ज्योतिषियों के अनुसार इस दिन दान-पुण्य करने से दुर्भाग्य भी सौभाग्य में बदल जाता है। मौनी अमावस्या पर कुछ विशेष उपाय कर आप कुंडली में मौजूद ग्रहों के विपरीत असर को खत्म कर एक सुखी, शांत और समृद्ध जीवन का आनंद ले सकते हैं।
अमावस्या को पितरों की तिथि माना जाता है। इस दिन घर में शुद्ध शाकाहारी भोजन बना कर उसका गाय के गोबर से बने उपले (कंडे) पर भोग लगाना चाहिए। यदि भोजन बनाना संभव नहीं हो तो खीर से भी भोग लगा सकते हैं।
इस दिन चीटियों के बिल पर शक्कर या बूरा मिला हुआ आटा डालें। ध्यान रखें कि ये ऎसे स्थान पर होना चाहिए जहां चीटियां किसी के पैरों के नीचे आकर दबे नहीं। इससे आपकी प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होगी।
इस बार मौनी अमावस्या मंगलवार को आ रही है, ऎसे में आप हनुमानजी को चमेली के तेल मिलाकर सिंदूर चढ़ाए और सुन्दर कांड का पाठ करें। यदि सुंदर कांड का पाठ संभव नहीं हो तो 7 अथवा 11 बार हनुमानचालिसा का पाठ करें। इससे शनि तथा राहू समेत सभी बुरे ग्रहों का शमन होता है और घर में सौभाग्य की प्राप्ति होकर धन का आगमन शुरू हो जाता है।
मौनी अमावस्या पर शाम के समय किसी मंदिर में स्थित पीपल अथवा बड़ के वृक्ष की पूजा करें तथा देशी घी का दीपक जलाएं। इससे भी आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
इन दिन सुबह स्नान कर शिव मंदिर में जाएं और दूध मिश्रित जल अर्पण कर घी का दीपक जलाएं तथा महामृत्युंजय की कम से कम एक माला जपें इससे भी सुख-समृदि्ध का मार्ग खुलता है। 

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