जैतपुरा, वाराणसी स्थित नागकुआँ में 45 फ़ीट की गहराई में स्थित नागेश्वर महादेव के दुर्लभ दर्शन प्राप्त हुए। विदित हो नाग पंचमी से पूर्व नागकूप कुंड का सम्पूर्ण जल निकाल कर सफाई की जाती है, और यही नागेश्वर महादेव के दर्शन का वर्ष में एक बार अवसर होता है। आज रातभर मे कूप के अंदर से निकलने वाले भूमिगत सोते के जल से कूप पुनः भर जाएगा।
नागकुआँ के संरक्षक कुंदन पांडेय ने बताया कि इसी स्थल पर महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र की रचना की थी। संवत 1 में इस कूप के जीणोद्धार का उल्लेख ऐतिहासिक ग्रंथों में है। इस कुंड के जल का आचमन करने मात्र से काल सर्पदोष से मुक्ति मिल जाती है।
नागकुआँ के संरक्षक कुंदन पांडेय ने बताया कि इसी स्थल पर महर्षि पतंजलि ने योगसूत्र की रचना की थी। संवत 1 में इस कूप के जीणोद्धार का उल्लेख ऐतिहासिक ग्रंथों में है। इस कुंड के जल का आचमन करने मात्र से काल सर्पदोष से मुक्ति मिल जाती है।
No comments:
Post a Comment