Saturday, April 9, 2016

सोनी चौरसिया ने बनाया नृत्य करने का विश्व रिकार्ड

बूटी सी उम्र और हौसला हिमालय सा। फिर कैसा असमंजस और कैसी ऊहापोह। सो काशी की किशोरी कथक नृत्यांगना सोनी ने अपना इस्पाती इरादा पूरा कर दिखाया और रात के ठीक 9:21 पर अनवरत नृत्य की कीर्तिमान स्थापित करते हुए गिनीज बुक आफ द रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया। रोहनियां के एक निजी स्वूâल में बीत तीन दिनों से चल रही इस अटूट नृत्य यात्रा को मंजिल शनिवार को तब मिली जब घड़ी की सुर्इंया 9:22 पर थरथरायीं और रंगमंडप तालियों की गड़गड़ाहट और हर हर महादेव की घोष से गूंज उठा। जैसी की उम्मीद थी सोनी ने इस कीर्तिमान के बाद भी अपना पद संचलन नहीं रोका। रात के दूसरे पहर तक नृत्य जारी रखते हुए 126 घंटे 05 मिनट के कीर्तिमान को एक चुनौतीपूर्ण मुकाम तक पहुंचाया। शनिवार को सुबह से ही कार्यक्रम स्थल पर विशिष्टजनों का जमावड़ा सोनी का हौसला अफजाई के लिए लगने लगा था। 9:03 पर अल्प समय के लिए ब्रेक लेने के बाद सोनी जैसे ही मंच पर उतरी। कार्यक्रम स्थल पर उमड़ी काशीवासियों की भीड़ तालियों के साथ लगातार हर-हर महादेव के जयघोष से तब तक गूंजता रहा जब तक उसने रिकार्ड तोड़ न दिया।
काशी की किशोरी सोनी को शुभकामना देने के लिए मां अन्नपूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वरपुरी जी भी शाम से ही डटे रहे। बताते चले कि इसके पहले केरल की हेमलता कंमडलु ने 123 घंटे 15 मिनट तक लगातार कथक करके वर्ल्ड रिकार्ड बनाया था जिसे सोनी ने ‘बीती बात’ बना दिया। रिकार्ड टूटते ही सोनी के मां मधु चौरसिया की आंखों में खुशी के आंसू आ गये। वहीं पिता श्यामचन्द्र चौरसिया बधाईयां लेते फूले नहीं समा रहे थे। कार्यक्रम स्थल पर जुटी जनता हवा में मुटिठया उछालकर इस साहसी बाला का अभिनन्दन किया।
काशी में जश्न का माहौल--
वैसे तो शनिवार की सुबह से सोनी के मुहल्ले विविहटिया में जश्न का माहौल था लेकिन जैसे ही रिकार्ड टूटा मुहल्ले वाले मारे खुशी के झुम उठे। पटाखों की शोर और गली-गली बंटती मिठाईया बता रही थी कि सोनी की इस सफलता को लेकर काशी कितनी आहलादित थी। सारे लोग वहां रोहनियां में थे और इधर घर पर अकेले छुटी सोनी की ताई मंजू देवी बधाईया लेते और मिठाईया खिलाते थक नहीं रही थी। सोनी का तोता आंगन में पिंजड़े में बंद जल्दी आवा, जल्दी आवा का रट लगाए हुए था। घर अकेला न छोड़ पाने की मजबूरी ने उनकी पूरी तव्वजों टीवी के चैनलों पर थी। हर घंटे के बाद वह दौड़कर बाहर आती थी और मुहल्ले वालों को कार्यक्रम के बारे में बताती।
लिम्बा बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है नाम---
सोनी चौरसिया ने वर्ष 2010 में लगातार कत्थक करते हुए लिम्बा बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करा चुकी है। सोनी की इच्छा थी कि उसका नाम सबसे अधिक घंटों तक कत्थक करने के विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज हो जिसे वह शनिवार को पूरा कर लिया।
ऐसे करती थी सोनी अभ्यास---
सोनी चौरसिया ने ऐसे ही नहीं नये कीर्तिमान गढ़े है इसके लिए प्रतिदिन उसने भोर तीन बजे से लगातार अपने पसीने बहाए है। विगत नवंबर माह में रिकार्ड बनाने से चूकने के बाद सोनी ने लगातार अपने अभ्यास को बढ़ाया और रोज सुबह 3 बजे उठकर गंगा तैरकर उस पार जाती और रेती में दौड़ लगाती। सोनी घर में भी घंटों कत्थक करने का अभ्यास करती रहती थी यहां तक की अपने घर में गर्म रेत बिछाकर रखती थी जिस पर वह अभ्यास कर सके। सोनी जानती थी कि लगातार कत्थक करने में काफी पसीना होगा और इससे पार पाने के लिए भी उसे अभ्यास करना होगा। सोनी ने एक साल तक कमरे में बिना पंखा व कूलर लगाये ही अभ्यास किया और सिर्फ गर्म पानी पीती रही।


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