दुर्लभ हनुमान जी की यह प्रतिमा अपने तरह की पुरे विश्व में एक अकेली और अनूठी प्रतिमा है!
काले पत्थर की यह प्रतिमा हनुमान के प्रतिरूप माने जाने वाले वानर की अवस्था में स्थापित है !और दक्षिणमुखी है,किसी भी तरफ से इसे देखने पर आपको लगेगा मानो यह आपके ही ओर देख रही है !!
और इस वानर रूपी काले हनुमान जी की प्रतिमा की सबसे ख़ास बात यह है की इस प्रतिमा पर मानव शरीर पर पाये जाने वाले बाल(रोये) की तरह रोये भी है!
#स्थापना
वर्षो पहले रामनगर के राजा को स्वपन आया की किले के पिछली तरफ एक वानर रूपी हनुमान जी की प्रतिमा है जिसकी स्थापना वही करा दी जाए!
अगली सुबह राजा ने खुदाई कराई और किले की पिछली तरफ गंगा किनारे यह प्रतिमा मिली और उसकी स्थापना वही करा दी गई !
#दर्शन पूजन
रामनगर किले के दक्षिणी ओर स्थापित यह मंदिर वर्ष के 364 दिन आम लोगो के लिए बंद ही रहता है ,और रामनगर की विश्व प्रसिद्द रामलीला के राजगद्दी पर होने वाली "भोर की आरती" वाले दिन आम जनों के लिए कुछ ही धंटो के लिए खुलता है (सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक)
फोटो साभार - इंडियन फोटो जेनेरिस्ट
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