Friday, August 31, 2018

तुलसी मानस मंदिर

तुलसी मानस मंदिर वाराणसी कैन्ट से लगभग पाँच कि॰ मि॰ दुर्गा मन्दिर के समीप में है। इस मन्दिर को सेठ रतन लाल सुरेका ने बनवाया था। पूरी तरह संगमरमर से बने इस मंदिर का उद्घाटन भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम सर्वपल्ली राधाकृष्णन द्वारा सन॒ 1964 में किया गया।
इस मन्दिर के मध्य मे श्री राम, माता जानकी, लक्ष्मणजी एवं हनुमानजी विराजमान है। इनके एक ओर माता अन्नपूर्णा एवं शिवजी तथा दूसरी तरफ सत्यनारायणजी का मन्दिर है। इस मन्दिर के सम्पूर्ण दीवार पर रामचरितमानस लिखा गया है। इसके दूसरी मंजिल पर संत तुलसी दास जी विराजमान है, साथ ही इसी मंजिल पर स्वचालित श्री राम एवं कृष्ण लीला होती है। इस मन्दिर के चारो तरफ बहुत सुहावना घास (लान) एवं रंगीन फुहारा है, जो बहुत ही मनमोहक है। यहाँ अन्नकूट महोत्सव पर छप्पन भोग की झाकी बहुत ही मनमोहक लगती है। मंदिर के प्रथम मंजिल पर राम चरिच मानस की विभिन्न भाषाओं में दुर्लभ प्रतियों का पुस्तकालय मौजूद है। सम्पूर्ण मंदिर के परिधी में बहुत ही कलात्मक ढंग से सऐक पहाड़ी पर शिव जी के मूर्ति से झरने का अलौकिक छटा देखते ही बनता है।



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