यह बलुआ पत्थर से निर्मित स्तम्भ,जिसकी उचाई लगभग ९.१५ मीटर है,प्रहलादपुर नामक स्थान से लाया गया था। यह स्थान उत्तर प्रदेश के जिला ग़ाज़ीपुर गंगा नदी तट पर बसा हुआ है। उत्तर पूर्व राज्य से तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर जेम्स थॉमसन के आदेश पर १८५३ ई० में यह स्तम्भ वाराणसी लाया गया था एवं बंगाल के तत्कालीन लेफ्टिनेंट अभियंता जॉर्ज फैकलिन एटकिन्सन के द्धारा मई १८५४ में इसे खड़ा किया गया था। इस स्तम्भ में दो उत्कीर्ण लेख है प्रथम उत्कीर्ण लेख गुप्तकालीन शिशुपाल का है तथा द्वितीय उत्कीर्ण लेख शंख लिपि में ६ ठी शताब्दी ई० का है
यह स्तम्भ संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के वाराणसी परिसर में स्थित है ।
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