अदलपुरा स्थित बड़ी शीतला माता के दरबार बन्देहं शीतला देवी राममस्थां दिगम्बराम मार्जनी कलशोवेतां शूर्पालंकृत मस्तकाम। मां गर्दभ पर सवार रहतीं है, सूप(छोज) झाड़ (माजर्नी) और नीम के पत्तों से अलंकृत हैं और हाथ में शीतल जलघट उठाएं हुए है। शीतलाष्टमी के दिन माता की मूर्ति में घी, चंदन का लेप लगाया जाता है। माता को नीम की पत्ती प्रिय है। महिलाएं अपनी संतानों के स्वास्थ्य एवम् दीर्घायु के लिए प्रार्थना करतीं है।
मां के धाम जाने का मार्ग
चुनार होकर 40 किमी व वाया भटौलीघाट खैरा होकर 34 किमी की दूरी तय कर अदलपुरा चौराहा से दरबार लगभग डेढ़ किमी पूरब गंगा के किनारे अवस्थित है। वाराणसी से डीएलडब्ल्यू से राज्यमार्ग 74 पर सीधा 17 किमी की दूरी तथा जीटी रोड के मोहनसराय से वाया मातलदेई होकर 15 किमी की दूर तय करनी पड़ती है।
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